1. रे ग्रिसर
यह घटना है 15 अप्रैल 2005 की. सोचिए एक व्यक्ति अपने घर से ऑफ़िस के लिए निकलता है. अपना काम खत्म करता है. अपनी गर्लफ़्रेंड से फोन पर बात करता है और फिर अचानक से ग़ायब हो जाता है. वो भी ऐसा ग़ायब नहीं कि कुछ समय बाद उसका या उसकी मौत का कोई सुराग मिल जाए. बल्कि वो इस तरह ग़ायब होता है कि आज पंद्रह सालों बाद भी उसका कोई अता पता नहीं मिला.
हम यहां बात कर रहे हैं अमेरिका के पैंसिलवेनिया निवासी रे ग्रिसर की. रे का इस तरह से ग़ायब होना सबको चौंका गया था. एक अधिवक्ता, एक बेटी का पिता और अच्छी खासी संपत्ति के मालिक रे के ग़ायब होने के अगले दिन उसकी कार और सेल फोन उसके घर से 55 मील दूर एक नदी के किनारे से बरमाद किए गये.
कुछ महीनों बाद रे का लेपटॉप तथा हार्ड ड्राइव नदी किनारे मिला. हार्ड ड्राइव बुरी तरह से नष्ट कर दी गयी थी. आमतौर पर खुद में ही व्यस्त रहने वाला रे अपनी मौत के दिन एक अनजान औरत के साथ देखा गया था जो उसकी गर्लफ्रेंड नहीं थी. जहां उसकी कार बरामद हुई वहीं सिगरेट की राख भी मिली जबकि, हैरान करने वाली बात यह थी कि रे सिगरेट नहीं पीता था.
इन सबके इलावा एक सुराग रे के कंप्यूटर से भी मिला. दरअसल रे की ब्राउज़िंग हिस्ट्री में पाया गया कि उसने कई बार सर्च किया था कि हार्ड ड्राइव को कैसे नष्ट किया जाता है. इन सबके बावजूद रे का कुछ पता ना चल सका. कुछ का मानना है कि रे ने खुद से ही खुद को गायब कर लिया जिससे वो एक नयी ज़िंदगी शुरू कर सके.
वहीं कुछ लोग मानते हैं कि रे ने आत्महत्या कर ली. काफी छानबीन के बाद भी जब पुलिस कोई ठोस सबूत ना जुटा सकी तो 2009 में रे को ऑफिसियली मृत घोषित कर दिया गया. आप जब रे के गायब होने की हर कड़ी को जोड़ेंगे तो आपको लगेगा जैसे आप कोई मिस्ट्री फिल्म की कहानी सुन रहे हैं.
2. लॉरी इरीका रफ्फ
दुनिया में हर इंसान की अपनी एक पहचान है. खोजने पर आएं तो पता लगाया जा सकता है कि कौन व्यक्ति कहां पैदा हुआ था, कहां पला बढ़ा और उसके परिवार में कौन कौन है. लेकिन अमेरिका के डलास की रहने वाली लॉरी इरीका रफ्फ की कहानी आम लोगों से अलग थी.
लॉरी कैनेडी ने बलाक रफ्फ से शादी की तथा दोनों डलास में बस गये. काफी सारे मिसकैरेज होने के बाद 2008 में लॉरी ने एक बेटी को जन्म दिया. सब कुछ ठीक चल रहा था कि लॉरी की ज़िंदगी में अचानक एक तूफान आ गया. उसके पति को लगने लगा कि उनकी शादी कामयाब नहीं है तथा दोनों को तलाक ले लेना चाहिए.
ये सदमा लॉरी बर्दाश्त ना कर सकी और उसने 2010 में आत्महत्या कर ली. यहां तक की कहानी तो दुनिया में बहुत से लोगों के साथ घटित हो चुकी है लेकिन हैरान कर देने वाली बातें तो लॉरी की मौत के बाद सामने आईं. उसकी मृत्यु के बाद जब उसके सामान की तलाशी ली गयी तो उसकी अलमारी से कई ऐसे कागज़ात निकले जिसने उसके पति और पुलिस को हैरानी में डाल दिया.
दरअसल मृत्यु के समय लॉरी की उम्र 42 साल थी लेकिन कागज़ात के हिसाब से 1988 से पहले लॉरी कैनेडी नाम की कोई महिला थी ही नहीं. उसके पास से कुछ दस्तावेज बरामद हुए जिन पर उसका नाम बैकी सुइ टर्नर दर्ज था. बात यहीं खत्म नहीं होती.
लोग हैरान तो तब रह गये जब रिकार्ड्स से पता चला कि उन दस्तावेजों पर जिस बैकी की जानकारी दर्ज थी वो एक दो साल की बच्ची थी जो 1971 में घर में लगी आग में जल कर मर चुकी थी. अगर बैकी मर चुकी थी फिर लॉरी कौन थी? कहां से आई थी? इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं था.
2016 तक लॉरी पुलिस की फाइलों में एक रहस्यमयी केस बन कर पड़ी रही लेकिन इसी साल लॉरी के रहस्य से पर्दा उठ गया. लॉरी के केस की तहकिकात कर रहे सोशल सिक्योरिटी अडमिस्ट्रेशन के इनवेस्टीगेटर जॉय वेलिंग को 2015 में एक फोन आया. ये फोन न्यूक्लियर फिजीसिस्ट तथा फोरेंसिक जेनेलॉजिस्ट कॉलिन फिट्ज़पैट्रिक का था.
दरअसल 2013 के बाद जब लॉरी की कहानी अखबारों में छपने लगी तब से कोलिन ऑनलाइन ही इस केस की छानबीन में जुटे हुए थे. कॉलिन ने जॉय को बताया कि उन्होंने लॉरी के डीएनए से उसकी फैमिली हिस्ट्री निकाल ली है, जो फिलाडेल्फिआ में रहती है.
कॉलिन की बात पर भरोसा कर जॉय जब उनके बताए हुए पते पर पूछताछ करने पहुंचे तो उन्होंने उस परिवार के लोगों को लॉरी का ड्राइविंग लाइसेंस दिखाया जिस पर उसकी फोटो थी. लाइसेंस को देखते ही परिवार के एक सदस्य ने चीखते हुए कहा कि ये तो किंबरली है.
ये लॉरी की मां का परिवार था तथा लॉरी का असली नाम किंबरली मैक्लेन था. जब वह 18 साल की थी तब अपने माता पिता के अलग होने के बाद वो घर से भाग गयी थी. इसके बाद उसने अपनी पहचान छुपाने के लिए मरे हुए लोगों की पहचान अपनाई.
3. बॉबी डनबर
कहते हैं एक मां अपने बच्चे को अंधेरे में टटोल कर भी पहचान लेती है, लेकिन बॉबी डनबर के केस में ये बात गलत साबित होती है. यह 1912 की घटना है जब 4 वर्षीय बॉबी डनबर अपने परिवार के साथ लूसियाना स्थित स्वायज लेक पर घूमने गया था. बॉबी यहां से अचानक ही गायब हो गया.
उसे हर तरफ खोजा गया, पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला. इस घटना के लगभग आठ महीने बाद पुलिस ने मिसिसिपी से बॉबी को बरामद किया. बॉबी किसी विलियम वॉलटर्स नामक व्यक्ति के साथ था. विलियम पुलिस को बार बार कहता रहा कि वह लड़का बॉबी नहीं बल्कि जूलिया एंडरसन नामक महिला का बेटा चार्ल्स ब्रूस एंडरसन है मगर पुलिस ने उसकी नहीं सुनी.
खैर पुलिस ने भले विलियम की नहीं सुनी लेकिन बॉबी के माता पिता तो ये पहचान ही सकते थे कि वो उनका बेटा है या नहीं। बॉबी जैसे दिखने वाले उस लड़के को लूसियाना लाया गया और यहां बॉबी के मां बाप ने देखते ही कहा कि वह लड़का उनका ही बेटा है. बॉबी की मां ने उसके शरीर के तिल तथा अन्य निशानों के आधार पर इस बात की पुष्टि कर दी कि वही बॉबी है. इधर विलियम को अपहरण के अपराध में सजा हो गयी.
दिन बीतते गये. बॉबी भी अपने परिवार के साथ घुलमिल गया. 1966 में वह इस दुनिया को छोड़ कर चला गया. उसके चार बच्चे थे. उसने अपने साथ बचपन में घटित हुई इस घटना को अपने बच्चों के साथ साझा कर दिया था. 2004 में बॉबी के छोटे बेटे बॉब डनबर ने अपनी बेटी मार्गरेट डनबर के कहने पर डीएनए टेस्ट करवाया.
वह चाहती थी कि वह अपने दादा के इस रहस्य को सुलझा दे. उसने अपने पिता के डीएनए को उसके चचेरे भाई यानी बॉबी डनबर के छोटे भाई के बेटे के साथ मैच करवाया. लेकिन हैरान करने वाली बात ये थी कि बॉबी के बेटे का डीएनए उसके किसी चचेरे भाई बहन से मैच ना हुआ.
मतलब कि इतने सालों तक जिसे बॉबी डनबर समझा गया वो असल में ब्रूस एनडरसन था. इसके साथ ही विलियम को उस अपराध की सज़ा भुगतनी पड़ी जो उसने किया ही नहीं था. अब सवाल ये था कि अगर ये ब्रूस था तो फिर बॉबी का क्या हुआ? अफवाहें यहां तक थीं कि बॉबी के माता पिता ने ही बॉबी को मार दिया तथा बचने के लिए किसी अन्य बच्चे को अपना बच्चा बना लिया.
वहीं मारग्रेट ये मानती हैं कि बॉबी उस दिन तालाब में गिर गया या फिर किसी जंगली जानवर का शिकार हो गया. जो भी हो लेकिन यहां सिर्फ अफवाहें ही हैं, बॉबी का सच क्या था ये आज तक रहस्य ही है
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