1. भगवान विश्वकर्मा ==
अक्सर हम भगवान विश्वकर्मा के बारे में सुनते तो रहते हैं लेकिन बहुत ही कम लोग इनके विषय में जानते हैं। हम में से शायद कुछ ही लोग होंगे जो वास्तव में ये जानते होंगे कि आखिर विश्वकर्मा को देव शिल्पी क्यों कहा जाता है।
2. विश्वकर्मा भगवान का परिचय==
स्कंद पुराण के अंतर्गत विश्वकर्मा भगवान का परिचय “बृहस्पते भगिनी भुवना ब्रह्मवादिनी। प्रभासस्य तस्य भार्या बसूनामष्टमस्य च। विश्वकर्मा सुतस्तस्यशिल्पकर्ता प्रजापति” श्लोक के जरिए मिलता है।
3. श्लोक का अर्थ ==
इस श्लोक का अर्थ है महर्षि अंगिरा के ज्येष्ठ पुत्र बृहस्पति की बहन भुवना ब्रह्मविद्या की जानकार थीं। उनका विवाह आठवें वसु महर्षि प्रभास के साथ संपन्न हुआ था। विश्वकर्मा इन दोनों की ही संतान थे।
4. ब्रह्मा जी का पुत्र ==
कहीं-कहीं भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मा जी का पुत्र भी कहा गया है, जिन्हें देवताओं का शिल्पी के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा विश्वकर्मा भगवान को सभी शिल्पकारों और रचनाकारों का भी इष्ट देव माना जाता है।
5. ऋग्वेद ==
विश्वकर्मा भगवान को ब्रह्मांड का रचयिता भी माना जाता है, ऋग्वेद के अंतर्गत इन्हें सर्वश्रेष्ठ सत्य के तौर पर भी उल्लिखित किया गया है।
6. देव शिल्पी==
चलिए जानते हैं कि भगवान विश्वकर्मा ने किन-किन स्थानों का निर्माण किया, जिनके आधार पर उन्हें देव शिल्पी की उपाधि प्राप्त हुई।
7. वाल्मीकि रामायण ==
वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण की सोने की खूबसूरत लंका का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था।
8. माल्यवान, माली और सुमाली ==
पौराणिक दस्तावेजों के अनुसार माल्यवान, माली और सुमाली नामक तीन राक्षस भगवान विश्वकर्मा के पास गए और उनसे अपने लिए भव्य महल और राज्य का निर्माण करने के लिए कहा।
9. त्रिकुट पर्वत =
तब विश्वकर्मा भगवान ने उन्हें बताया कि इन्द्र की आज्ञा पाकर उन्होंने ही त्रिकुट पर्वत पर बसी सोने की लंका का निर्माण किया था, तुम वहां जाकर रह सकते हो। इस तरह लंका पर राक्षसों का आधिपत्य स्थापित हो गया।
10. धन कुबेर ==
जबकि कुछ स्थानों पर यह पढ़ने को मिलता है कि रावण के सौतेले भाई, धन कुबेर के कहने पर ही विश्वकर्मा ने सोने की लंका निर्माण किया था। इस लंका को बाद में धन कुबेर ने ही रावण को दे दिया था।
11. रामसेतु का निर्माण ==
जब रावण सीता का हरण कर अपने पुष्पक विमान पर बैठाकर उन्हें लंका से जाता है तब वहां तक पहुंचने के लिए भगवान राम की आज्ञा पाकर वानर सेना ने सागर पर पुल बांधा था।
12. नल =
वाल्मीकि रामायण के अनुसार शिल्पकला में निपुण नल नामक वानर जो विश्वकर्मा का ही पुत्र था, ने रामसेतु का निर्माण किया था।
13. भगवान शिव के रथ का निर्माण ==
जिस रथ पर बैठकर महादेव ने विद्युन्माली, तारकाक्ष और कमलाक्ष का वध किया था, उस रथ का निर्माण करने वाले भगवान विश्वकर्मा ही थे।
14. सोने का रथ ==
महादेव का यह रथ सोने का था जिसके दाहिने चक्र में सूर्य और बाएं चक्र में चंद्रमा विराजमान थे। इसके अलावा दाहिने पहिए में 12 और बाएं पहिए में 16 आरे थे।
15. द्वारका नगरी का निर्माण ==
श्रीकृष्ण की द्वारका नगरी का निर्माण करने वाले भी भगवान विश्वकर्मा ही थे। इस नगरी के आधार पर भगवान विश्वकर्मा ने अपनी वैज्ञानिक समझ की एक अद्भुत मिसाल पेश की थी।
16. वास्तुशास्त्र ==
द्वारका नगरी की लंबाई और चौड़ाई, दोनों ही 48 कोस की थी। वास्तुशास्त्र के अनुसार इस नगरी में भवन, सड़के, गलियों और चौराहों का निर्माण किया गया था।
17. देवताओं के शिल्पकार ==
देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा को समर्पित विश्वकर्मा दिवस भी मनाए जाने की परंपरा है। दिवाली के अगले दिन बड़ी धूम-धाम से विश्वकर्मा दिवस मनाया जाता है और इस दिन सभी कारीगर अपने-अपने औजारों की पूजा करते हैं।
Comments
Post a Comment